मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
बुधवार, 28 मार्च 2018
तेरी इस धरती से दूरी कितनी है.....
देखता हूँ अक्सर तो पास लगता है तू परछाई में
बतला दे,
ऐ चाँद फिर भी तेरी इस धरती से दूरी कितनी है.....
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