मंगलवार, 28 जून 2016

तेरा नाम लिखा मैंने (नयी प्रकाशित हिन्दी कविता )

मेरी  यह  नयी  कविता  जो  अनहद  कृति  नामक  पत्रिका  में  छपी  है,  वो  मैं  आपके  सम्मुख  रखता  हुँ,

( सावन  के  मनभावन  मौसम  के  अनुरूप )













                       तेरा  नाम  लिखा  मैंने



दिल  की  सुर्ख  दीवारों  पर
तेरा  नाम  लिखा  मैंने
कुछ  अपनी  प्रीत  लिखी  मैंने
कुछ  तेरा  प्यार  लिखा  मैंने


तन  चंदन  तेरा  मन  चंदन
जिसमे  शीतलता  रखती  हो
चाँदी  सा  तन  रखती  हो
और  सोने  सा  मन  रखती  हो


कंचन  सा  है  रूप  तेरा
फूलों  सी  मुस्कान  तेरी
मद-मस्त  महकता  यौवन तेरा
और  हिरनी  सी  चाल  तेरी
बलखाते  ये  बाल  तेरे
और  गुलाबी  गाल  तेरे
चंचलता  तितली  सी  तुझमें
और  खंजन  से  नैन  तेरे

तेरे  गालों  को  चूम  रही
तेरे  कानों  की  बाली  है
कारे-कजरारे  नैनों  की
कुछ  बात  ही  अजब  निराली  है


नैन  तेरे  हैं  मैखाना  और
होंठ  तेरे  मय  के  प्याले
ये  दीवाना  मदहोश  हुआ
पीकर  मदिरा  के  ये  प्याले


बिजली  सी  चमक तेरी
तुम  गंगा-जल  सी  पावन  हो
धरती  की  प्यास  बुझाने  वाले
सावन  सी  मन-भावन  हो


पावस  की  प्रथम  फुहारों  में
लब  पर  आया  कोई  गीत  हो  तुम
हो  कल्प-वृक्ष  की  सोनजुही  तुम
मेरे  मन  के  मीत  हो  तुम

इसलिये  हृदय  की  वीणा  पर
ये  गान  लिखा  मैंने
कुछ  अपनी  प्रीत  लिखी  मैंने
कुछ  तेरा  प्यार  लिखा  मैंने।।

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