मैं हिन्द का निवासी हूँ,
हिंदुत्व मेरा धर्म है,
राज-भाषा का प्रहरी हूँ,
हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
शुक्रवार, 29 जुलाई 2016
इन बारिश की बूंदों में
जाने कैसा गीत छुपा है, इन बारिश की बूंदों में,
जाने कैसा साज सजा है, इन बारिश की बूंदों में,
प्रेम गीत कोई मैं लिख दूँ, कहता है पागल मन मेरा,
अंग-अंग में खुमार चढ़ा है, इन बारिश की बूंदों में ।।
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