शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

इन बारिश की बूंदों में




जाने  कैसा  गीत  छुपा है,  इन  बारिश  की  बूंदों  में,
जाने  कैसा  साज  सजा  है, इन  बारिश  की  बूंदों में,
प्रेम  गीत  कोई  मैं  लिख  दूँ,  कहता  है  पागल  मन  मेरा,
अंग-अंग  में  खुमार  चढ़ा  है,  इन  बारिश  की  बूंदों  में ।। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें