मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
शनिवार, 29 अप्रैल 2017
गुरुवार, 27 अप्रैल 2017
दिल की बातें समझती नहीं हो !!!
कितनी मासूम हो तुम हो जानम
दिल की बातें समझती नहीं हो
मैं तो हूँ तेरे प्यार में पागल
तुम हो पगली समझती नहीं हो,
जबसे तुम हो मुझे मिल गयी
सूने मन में कली खिल गयी
मैं सागर था बरसों से तन्हा
उसको नदिया सी तुम मिल गयी,
अब होने दो प्रेम का संगम
देर जाने क्यों अब कर रही हो
तुम हो पगली समझती नहीं हो,
रात की चांदनी के तले
आस का एक दीपक जले
आँख के मोतियों सा छलक कर
पलकों पर एक सपना पले,
देखो बेचैन मैं हो रहा हूँ
तुम भी करवट बदल तो रही हो
तुम हो पगली समझती नहीं हो।
रविवार, 23 अप्रैल 2017
गुरुवार, 20 अप्रैल 2017
उनकी सांसों की खुश्बू !!!
दिल के अरमानों ने मेरे
फिर से ली अंगड़ाई है,
उनकी सांसों की खुश्बू लेकर
लौटी फिर पुरवाई है,
एहसास नए से जागे हैं
जब-जब उनको महसूस किया,
मदहोशी में अक्सर मैं
उनकी यादों में झूम लिया,
अब सुबह नई और शाम नई
मेरे जीवन में आयी हैं,
दिल के अरमानों ने मेरे
फिर से ली अंगड़ाई है,
उलझ रहा था जीवन की
प्यासी - पथरीली राहों पर,
व्यर्थ विषय की बातों पर
और अपनों के आघातों पर,
अब भटके एक पथिक ने जैसे
फिर से मंजिल पायी है,
दिल के अरमानों ने मेरे
फिर से ली अंगड़ाई है,
उनकी सांसों की खुश्बू लेकर
लौटी फिर पुरवाई है ।
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