दिल के अरमानों ने मेरे
फिर से ली अंगड़ाई है,
उनकी सांसों की खुश्बू लेकर
लौटी फिर पुरवाई है,
एहसास नए से जागे हैं
जब-जब उनको महसूस किया,
मदहोशी में अक्सर मैं
उनकी यादों में झूम लिया,
अब सुबह नई और शाम नई
मेरे जीवन में आयी हैं,
दिल के अरमानों ने मेरे
फिर से ली अंगड़ाई है,
उलझ रहा था जीवन की
प्यासी - पथरीली राहों पर,
व्यर्थ विषय की बातों पर
और अपनों के आघातों पर,
अब भटके एक पथिक ने जैसे
फिर से मंजिल पायी है,
दिल के अरमानों ने मेरे
फिर से ली अंगड़ाई है,
उनकी सांसों की खुश्बू लेकर
लौटी फिर पुरवाई है ।
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