राधा तेरी आँखों सी प्यारी
दो आँखें हमने देखीं हैं,
कारी-कजरारी, मतवारी दो
पलकें झुकती देखीं हैं,
मुस्काती हैं, शरमाती हैं
पगले दिल को भरमाती हैं
बिन बोले ये ख़ामोशी से
जाने क्या-क्या कह जाती हैं,
इन आँखों में ही हमने तो
आँखों की भाषा देखी है,
राधा तेरी आँखों सी प्यारी
दो आँखें हमने देखीं हैं,
इन आँखों में है प्यार बसा
इन आँखों में सच्चाई है
हम डूब गए इन आँखों में
इनमें इतनी गहरायी है,
इन आँखों में ही डूब के तो
हमने एक दुनिया देखी है,
राधा तेरी आँखों सी प्यारी
दो आँखें हमने देखीं हैं,
कारी-कजरारी, मतवारी दो
पलकें झुकती देखीं हैं।
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