होली का भरपूर आनंद प्रकृति की गोद में वर्ष -२०१५
ऐसे होली के छवि-चित्र शायद बहुत कम ही देखने को मिलें !
ये चित्र जो आप देख रहे हैं ये हैं मेरे गांव नये पुरवा की जो जिला - राय बरेली, उत्तर प्रदेश में स्थित है,
या यूँ कहें की पूर्वांचल की गोद में,
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल में होली मनाने का आनंद ही अलग है, नित नवीन रूप बदलती प्रकृति की छटा, सरसों के खेत ऐसे प्रतीत होते हैं मानो पीली चादर बिछाई गयी हो और अगर आप उस सरसों के खेत में पीले या हरे रंग के कपडे पहन कर चले जाएँ तो देखिये भ्रम की स्थिति उन भुनगो की एवं पतंगों की सरसों को छोड़ कर आप के ऊपर ही डेरा डाल देंगें,
सुबह शरीर पर पानी पड़ते ही ठण्ड की सिहरन और सूरज के सिर के ठीक ऊपर आ जाने पर चिल-चिलाती गर्मी,
ऐसे में रंगों की फुहार का पानी की बौछार का और ताजे खोये की गुजिया के स्वाद का कहना ही क्या,
चारों तरफ मस्ती और हँसी ख़ुशी का माहोल,
अद्भुत , अद्वित्य , अकथनीय गरिमा है इस मादक फाल्गुन मास की !!!
ऐसे होली के छवि-चित्र शायद बहुत कम ही देखने को मिलें !
ये चित्र जो आप देख रहे हैं ये हैं मेरे गांव नये पुरवा की जो जिला - राय बरेली, उत्तर प्रदेश में स्थित है,
या यूँ कहें की पूर्वांचल की गोद में,
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल में होली मनाने का आनंद ही अलग है, नित नवीन रूप बदलती प्रकृति की छटा, सरसों के खेत ऐसे प्रतीत होते हैं मानो पीली चादर बिछाई गयी हो और अगर आप उस सरसों के खेत में पीले या हरे रंग के कपडे पहन कर चले जाएँ तो देखिये भ्रम की स्थिति उन भुनगो की एवं पतंगों की सरसों को छोड़ कर आप के ऊपर ही डेरा डाल देंगें,
सुबह शरीर पर पानी पड़ते ही ठण्ड की सिहरन और सूरज के सिर के ठीक ऊपर आ जाने पर चिल-चिलाती गर्मी,
ऐसे में रंगों की फुहार का पानी की बौछार का और ताजे खोये की गुजिया के स्वाद का कहना ही क्या,
चारों तरफ मस्ती और हँसी ख़ुशी का माहोल,
अद्भुत , अद्वित्य , अकथनीय गरिमा है इस मादक फाल्गुन मास की !!!
सादर -
मनोज यादव
बड़ा मजा आया था उस साल होली खेलने में !!!
जवाब देंहटाएंमुझे भी यार पर, इस बार नसीब नहीं होगा !!!
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