मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
गुरुवार, 12 जनवरी 2017
तुम तो थी एक कल्पना बस !!!!!!!!!
जिसके लिए सपना बुना था
सीप से मोती चुना था
भीगी पलकों ने कहा
वो प्यार मेरा तुम नहीं हो
जिसके लिये मैं था दीवाना
सारी दुनिया से बेगाना
वो तो थी एक कल्पना बस
वो हक़ीक़त तुम नहीं हो।
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