मैं हिन्द का निवासी हूँ,
हिंदुत्व मेरा धर्म है,
राज-भाषा का प्रहरी हूँ,
हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
शनिवार, 23 जनवरी 2016
सागर की बाँहों में जाकर, हर नदिया को मिल जाना है, जख्मी दिल की चोटों को, हस-हस के सह जाना है, ये प्यार का किस्सा है मितवा, धड़कन का ये गीत है, कुछ हमको भी गाना है, कुछ तुमको भी गाना है।
achcha likha hai bhiya..
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