शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

तुम चली आओ चुनार प्यार की ओढ़ के.……(भाग - ४ )










तेरे  साथ  ही  मैं  अपना  संसार  बसना  चाहता  हूँ ,
जीवन  का  हर  एक  गीत  मै  तेरे  संग  गाना  चाहता  हूँ ,
वीरानी  लगती  हैं  तुम  बिन  मेरे  मन  की  सारी  गलियाँ ,
मेरे  दिल  के  बागीचे   की  सारी  कुंजन  सारी  कलियाँ ,
साज़  रहित  मेरे  जीवन  में,  तुम  चली  आओ  नयी  प्रेम  धुन  छेड़   के ,
तुम  चली  आओ  चुनार  प्यार  की  ओढ़  के.……

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