मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
शनिवार, 9 अप्रैल 2016
हमको सपने सजाना जरुरी लगा
पढ़िए मेरी कविता हमको सपने सजाना जरुरी लगा, शायद आपकी पलकों पर भी कुछ सपने सज जाएँ,
आपको भी किसी अपने के लिए कोई सपना सजाना जरुरी लगे,
हृदय-तल की गहराइयों से निकली एक कविता
"हमको सपने सजाना जरुरी लगा"
सादर -
मनोज यादव
http://www.pravakta.com/humko-sapne-sajana-jaroori-laga/
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