मैं हिन्द का निवासी हूँ,
हिंदुत्व मेरा धर्म है,
राज-भाषा का प्रहरी हूँ,
हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
बुधवार, 24 फ़रवरी 2016
मिला बरसों के बाद
मिला बरसों के बाद फिर भी अपना सा लगा,
हर लम्हा उसके साथ एक सपना सा लगा,
खुशी थी उसकी आँखों में खुशी थी मेरी आँखों में,
वो पल सुहाना और मौसम खुश-नुमा लगा । ।
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