मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
शनिवार, 6 फ़रवरी 2016
माँ के लिये - तीसरा मुक्तक
ग़म की उदासी में, कभी खोने नहीं देती,
सह लेती है दुःख हँस के, कभी रोने नहीं देती,
अपने आँचल की छत दे दी, मुझे बरसात में माँ ने,
बेघर किसी बच्चे को, माँ होने नहीं देती ।।
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