मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
सोमवार, 2 मई 2016
तनहा इस ज़िन्दगी का साथ ( मुक्तक )
तनहा इस ज़िन्दगी का साथ कब तलक
ये मंज़िल ये दूरी ये मुक़ाम कब तलक
अपनों से बनकर रह गये बेगाने हम
अब बेगानों में अपनों की तलाश कब तलक ।
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