मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
मंगलवार, 10 मई 2016
ये अल्फ़ाज तेरे होते
काश तुम मेरे होते
सांसे भी थम जाती
अगर
ये अल्फ़ाज तेरे होते
सांसों को आस तुम्हारी है
आँखों को प्यास तुम्हारी है
बेचैन मुझे कर जाती है आकर तनहाई में
हर धड़कन में बसने वाली वो आवाज़ तुम्हारी है ।
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