मेरे मन का गीत
मैं हिन्द का निवासी हूँ, हिंदुत्व मेरा धर्म है, राज-भाषा का प्रहरी हूँ, हिंदी सेवा मेरा कर्म है।
शुक्रवार, 26 मई 2017
"कल्पना" खूबसूरत कितने हो आप !!!!
"कल्पना" खूबसूरत कितने हो आप
ये तो आप खुद भी नहीं जानते
कितने भोले बनते हो
जैसे दीवाने की हालत नहीं जानते
ख्वाबों-ख्यालों में छाए रहते हो
जैसे सपनों की हक़ीक़त नहीं जानते
कतरा-कतरा ढल जाता है पल जिंदगी का
जैसे ढलते वक़्त की नज़ाकत नहीं जानते ।
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