बड़े दिनों से दिल में है
जो तुमको वो पैगाम लिखूँ
अपने होंठो पर बसने वाली
ख़ामोशी का कोई नाम लिखूँ
हाथ हमारा थाम लो " कल्पना "
दुनिया मेरी रोशन कर दो
चाँद-तारों से सजी हुई प्यारी सी
शाम तुम्हारे नाम लिखूँ ,
गीत लिखूँ मैं प्यार भरा
दिल के सारे अरमान भरा
कुछ गीत तुम्हारी अलकों पर
कुछ गीत तुम्हारी पलकों पर
कुछ गीत तुम्हारे होठों पर
कुछ गीत तुम्हारे बोलो पर
प्रेम तार की वीणा का
हर एक स्वर मैं तुम्हारे नाम लिखूँ ,
कोई कल्पवृक्ष का फूल हो तुम
सारी इच्छा पूरी करने वाला
कोई मीठा सा बोल हो गीतों का
मन में आहें भरने वाला
रब रहमत मुझ पर इतनी कर दे
मन में इतनी सी इच्छा है
" मनु " इस सारे आकाश पे मैं
बस एक " कल्पना " नाम लिखूँ।
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