प्यारी सी आँखें " कल्पना " हमको सता रही हैं
चुप-चाप धीरे-धीरे मेरा दिल चुरा रहीं हैं,
ये प्यारी सी आँखें मेरे दिल में बसती हैं
बस आँखों की भाषा को आँखें कहती हैं
दो होठों पर हर पल ख़ामोशी रहती है
पर राज-ऐ-दिल को तो ये आँखें कहती हैं
तुम बोलो न बोलो हाल दिल का बता रहीं हैं
चुप-चाप धीरे-धीरे मेरा दिल चुरा रहीं हैं,
ये प्यारी सी आँखें हैं सागर से गहरी
देखा है जबसे मेरी दुनिया है ठहरी
मैं हूँ पागल-दीवाना बस इतना कहना है
इन प्यारी आँखों में मेरी सारी दुनिया है
तेरी प्यारी सी आँखें धड़कन में समा रही हैं
चुप-चाप धीरे-धीरे मेरा दिल चुरा रहीं हैं।
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